विद्युत्चुम्बकीय समीकरण। विब तु विघन विशील हृ। विपरि तु च्वम्शावका व्य। चुब तु शून्य। चुपरि तु व्यम्शावका विशील घ्न विघन स चुशील घ्न॥ विस्तृततः। विद्युत्क्षेत्रस्य बहिर्वाहघनत्व तु विद्युत्भारघनत्व विद्युत्शीलता हृ। विद्युत्क्षेत्रस्य परिचलनघनत्व तु चुम्बकक्षेत्राम्शावका व्य। चुम्बकक्षेत्रस्य बहिर्वाहघनत्व तु शून्य। चुम्बकक्षेत्रस्य परिचलनघनत्व तु विद्युतक्षेत्राम्शावका विद्युत्शीलता घ्न विद्युत्भारघनत्व स चुम्बकशीलता घ्न॥ अम्शावका अर्थात काल सापेक्ष आम्शिक अवकलन। लेखन विधि बिना कोष्ठक संश्रृंखल क्रमलेख भाषावत जैसे कि दो तु एक एक स।
